शाह आलम कैम्प की रूहें
असगर वजाहत
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शाह आलम कैम्प में आधी रात के बाद रूहें आती हैं। रूहें अपने बच्चो के लिए स्वर्ग से खाना लाती हैं,पानी लाती हैं ,दवाएं लाती हैं और बच्चों को देती हैं। यही वजह है कि शाह आलम कैम्प मे न तो कोई बच्चा नंगा भूखा रहता है और न बीमार । यही वजह है कि शाह आलम कैम्प बहुत मशहूर हो गया है। दूर दूर मुल्कों मे उसका नाम है।
दिल्ली के एक बडे नेता जब शाह आलम कैम्प के दौरे पर गए तो बहुत खुश हो गए और बोले --ये तो बहुत बढ़िया जगह है...यहाँ तो देश के सभी मुसलमान बच्चों को पंहुचा देना चाहिऐ।"
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3 comments:
भाई यह देश के पूरे तंत्र का, जो 60 सालों में खडा़ किया गया है, असली चेहरा है.
शाह आलम कैम्प है कहाँ? कोई कड़ी?
thikhai.
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